♥♥♥♥♥खिलते गुलाब जैसा.♥♥♥♥♥♥♥
खिलते गुलाब जैसा है, ये प्यार तुम्हारा!
लगता है चाँद जैसा ये, दीदार तुम्हारा!
बोली में हमनवा तेरी, मिश्री सी घुली है,
हरियाली सा लगता है ये, सिंगार तुम्हारा!
जीवन में जबसे प्रीत, तुम्हारी ये जगी है!
उस दिन से ये दुनिया, बड़ी सुन्दर सी लगी है!
मन को मेरे भाता है, ये किरदार तुम्हारा!
खिलते गुलाब जैसा है, ये प्यार तुम्हारा...
तेरे ही ख्यालों से मेरी, रात खिली है!
हमदम तेरी खुश्बू, मेरे जीवन में घुली है!
पाया है जब से "देव" ने, ये प्यार तुम्हारा,
जिस ओर भी देखो, नई सौगात मिली है!
हमदम मेरे तूने ही मुझे, प्यार सिखाया!
हमदम तेरी चाहत ने, मेरा दर्द भुलाया!
दिल यूँ ही रहे प्यार से, गुलजार तुम्हारा!
खिलते गुलाब जैसा है, ये प्यार तुम्हारा!"
............चेतन रामकिशन"देव"............
(२४.०१.२०१३)
1 comment:
बहुत सुन्दर रचना | आभार
Tamasha-E-Zindagi
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