Thursday, 21 March 2013

♥♥चांदनी का सफर..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥चांदनी का सफर..♥♥♥♥♥♥♥
चाँद बनकर के जरा, साथ मेरे जलते रहो!
है सफ़र लम्बा जरा, साथ मेरे चलते रहो!

जिंदगी दर्द में भी, तुमको रास आएगी,
वक़्त के साथ मेरे यार, जरा ढ़लते रहो!

मेरा दावा है के सच्चाई छुप नहीं सकती,
झूठ के साथ भले, सारा जहाँ छलते रहो!

भूल से भी न कभी मौका, सही खो देना,
ऐसा न हो के सदा, हाथ यहाँ मलते रहो!

"देव" मखमल की तरह, जिंदगी हो जाएगी,
ख्वाब बनकर के निगाहों में, जरा पलते रहो!"

..............चेतन रामकिशन "देव"................
( २१.०३.२०१३)

4 comments:

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति
latest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार

Tamasha-E-Zindagi said...

बेहद उम्दा रचना | बधाई

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

chetan ramkishan "dev" said...

"
सम्मानित प्रसाद जी!
आपका आभारी हूँ!
आपका स्नेह अनमोल है!"

chetan ramkishan "dev" said...

"
सम्मानित तुषार जी!
आपका आभारी हूँ!
आपका स्नेह अनमोल है!"