Saturday 24 August 2013

♥ माँ( दुआओं का खजाना)...♥



♥♥♥♥♥ माँ( दुआओं का खजाना)...♥♥♥♥♥♥
दुआ माँ के खजाने से, कभी भी कम नहीं होती!
कभी माँ अपने बच्चों को, सुलाए बिन नहीं सोती!
ये दुनिया जो भी है यारों, बदौलत माँ की ही तो है,
नहीं मिलता जनम हमको, अगर जो माँ नहीं होती!

माँ श्रद्धा है, माँ वंदन है, है माँ ही आस्था देखो!
दिखाए माँ ही बच्चों को, ये सच का रास्ता देखो!

भले ही क्रोध में हो माँ, मगर ममता नहीं खोती!
दुआ माँ के खजाने से, कभी भी कम नहीं होती…

मैं अपनी जिंदगानी में परेशां, जब भी होता हूँ!
मैं माँ की गोद रखकर के अपने सर को रोता हूँ!
मेरी माँ हाथ जब अपने, मेरे सर पर फिराती है,
हर एक उलझन मेरी मिटती, खुशी की नींद आती है!

समर्पण माँ से ज्यादा कोई देखो, कर नहीं सकता!
दुआ देती है माँ जितनी, कोई वो कर नहीं सकता!

माँ अपने दिल में देखो, द्वेष के अंकुर नहीं बोती !
दुआ माँ के खजाने से, कभी भी कम नहीं होती…

वो जिनके दिल में माँ के वास्ते, सम्मान होता है!
दुआ से माँ की उनका, हर सफर आसान होता है!
सुनो तुम "देव" भूले से भी, माँ को अश्क न देना,
के माँ के देखकर आंसू, वहां भगवान रोता है!

माँ रचना है, माँ पालन है, माँ बच्चों की विधाता है!
के माँ को देखकर बच्चों की, सूरत चैन आता है!

नहीं मिलता से दौलत से, यहाँ माँ नाम का मोती!
दुआ माँ के खजाने से, कभी भी कम नहीं होती!"

"
माँ, दुनिया का सबसे उच्च मानवीय सम्बन्ध, जिसका कोई विकल्प नहीं!
ममता से भरा ह्रदय, जो बच्चों के लाख दिल दुखाने के बाद भी, अपने मुख से बच्चों के प्रति कभी कोई बद्दुआ नहीं निकलती, तो आइये धरती पर विधाता का प्रतिरूप लिए, माँ के इस चरित्र को नमन करें!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-२५.०८.२०१३

" मेरी माँ कमला देवी जी एवं प्रेमलता जी को समर्पित"

"
सर्वाधिकार सुरक्षित,
मेरी ये रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!"

चित्र साभार-सम्मानित कवयित्री दीपिका जी!

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