♥♥♥♥♥प्यार का दीया...♥♥♥♥♥
एक दीया का प्यार का जलाने दो!
सारी नफरत को भूल जाने दो!
हाथ से हाथ तो मिले हैं बहुत,
दोस्ती दिल से अब निभाने दो!
हार से बढ़के क्या मिलेगा सुनो,
अपनी तक़दीर आज़माने दो!
कर दें इनकार वो है उनकी रज़ा,
हाले-दिल उनको तुम बताने दो!
नींद एक पल में पास आएगी,
माँ को लोरी तो गुनगुनाने दो!
गूंजे आँगन में हर घड़ी खुशियाँ,
घर में बेटी को खिलखिलाने दो!
"देव" उनको नज़र लगे न कोई,
अपने दिल में उन्हें छुपाने दो!"
.......चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक- २८.०५.२०१४
एक दीया का प्यार का जलाने दो!
सारी नफरत को भूल जाने दो!
हाथ से हाथ तो मिले हैं बहुत,
दोस्ती दिल से अब निभाने दो!
हार से बढ़के क्या मिलेगा सुनो,
अपनी तक़दीर आज़माने दो!
कर दें इनकार वो है उनकी रज़ा,
हाले-दिल उनको तुम बताने दो!
नींद एक पल में पास आएगी,
माँ को लोरी तो गुनगुनाने दो!
गूंजे आँगन में हर घड़ी खुशियाँ,
घर में बेटी को खिलखिलाने दो!
"देव" उनको नज़र लगे न कोई,
अपने दिल में उन्हें छुपाने दो!"
.......चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक- २८.०५.२०१४
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