Saturday 9 August 2014

♥♥मोहब्बत की सादगी..♥♥

♥♥♥♥मोहब्बत की सादगी..♥♥♥♥♥
प्यार में सादगी तुम्ही से है!
फूल में ताजगी तुम्ही से है!

आशिकी तुम हो, जुस्तजु मेरी,
मेरी दीवानगी तुम्ही से है!

राह देखी क्यों तुम नहीं आईं,
दिल को नाराजगी तुम्ही से है!

देख कर तुमने जो चुराई नज़र,
तब से हैरानगी तुम्ही से है!

मैं बहकता हूँ सिर्फ तेरे लिए,
मेरी आवारगी तुम्ही से है!

बिन तेरे नींद भी नहीं आती,
आँख मेरी जगी तुम्ही से है!

"देव" दुनिया तो मतलबी है बस,
रूह मेरी सगी तुम्ही से है!"

......चेतन रामकिशन "देव"…...
दिनांक-०९ .०८. २०१४

1 comment:

Rajendra kumar said...

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनायें।