♥♥♥♥दिल का मेल-जोल..♥♥♥♥
सिलसिला है हसीं मोहब्बत का,
मुझसे मिल जाओ, मुझसे जुल जाओ!
हर तरफ ही प्यार की ही खुशबु हो,
इन हवाओं में यार घुल जाओ!
मेरी गलती पे मांग लूंगा क्षमा,
तुम भी थोड़ा सा गर पिघल जाओ!
लड़खड़ाना मैं बंद कर दूंगा,
तुम भी हमदम अगर संभल जाओ!
इस उजाले से हो जहाँ रौशन,
आओ दीये की तरह जल जाओ!
मेरी बेचैनी को क़रार मिले,
देखकर मुझको तुम मचल जाओ!
"देव" दुख दर्द मुझसे बांटो तुम,
एक सहेली की तरह खुल जाओ! "
......चेतन रामकिशन "देव"…...
दिनांक-१२.०९.२०१४
2 comments:
सुंदर रचना
रंगरूट
इस उजाले से हो जहाँ रौशन,
आओ दीये की तरह जल जाओ!
मेरी बेचैनी को क़रार मिले,
देखकर मुझको तुम मचल जाओ....bahut sundar rachna
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