♥♥♥♥वृतचित्र ...♥♥♥♥♥♥
वृतचित्र वो है जीवन का।
प्रिय मित्र वो है जीवन का।
मेरा हर क्षण करे सुगन्धित,
लगे इत्र वो है जीवन का।
उसके बिन जीवन भारी है।
दुश्वारी है, लाचारी है।
उसे देखकर मन खुश होता,
छवि बहुत उसकी प्यारी है।
वो आये मेरे ख्वाबों में,
लगे चित्र वो है जीवन का।
मेरा हर क्षण करे सुगन्धित,
लगे इत्र वो है जीवन का...
उसके साथ मेरा दिन उजला,
उससे रात धवल होती है।
उसे देखकर ज्योति मिलती,
मानो वो कोई मोती है।
"देव" जहाँ में उससे बढ़कर,
मेरे दिल को कोई नहीं है,
उसके बिन दिल में पीड़ा हो,
आँख मेरी हर पल रोती है।
धूप में उसका साया सुख दे,
लगे छत्र वो है जीवन का।
मेरा हर क्षण करे सुगन्धित,
लगे इत्र वो है जीवन का। "
......चेतन रामकिशन "देव".........
दिनांक-१९.०२.२०१५
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