Tuesday, 24 February 2015

♥♥गीत तुम्हारे...♥♥


♥♥♥♥गीत तुम्हारे...♥♥♥♥
कुछ रिश्ता है या नाता है। 
चैन नहीं तुम बिन आता है। 
तेरे प्यार से रंगत मिलती,
गीत तुम्हारे दिल गाता है। 

दिल कहता है हर लम्हे में,
बस तेरा दीदार हो मुझको। 
सात जन्म तक इस दुनिया में,
बस तुमसे ही प्यार हो मुझको। 
 तुम हमदम हो चाँद सरीखी,
और मैं रस्ते का पत्थर हूँ,
दुआ है मेरी लेकिन दिल से,
प्रीत मेरी स्वीकार हो तुमको।

तेरी सूरत जब भी देखूं,
दिल चुपके से मुस्काता है। 
तेरे प्यार से रंगत मिलती,
गीत तुम्हारे दिल गाता है....

तुमसे मिलने का मन होता,
बड़ा ही सुन्दर वो क्षण होता। 
बोझ नहीं रहता जीवन में,
बड़ा ही हल्का ये तन होता। 
"देव" तुम्हारे एहसासों में,
सारी रात गुजर जाती है,
साँझ, सवेरा भी सुखमय हो,
फूल सा महका अब दिन होता। 

सखी तुम्ही से लेकर चंदा,
धवल चांदनी बरसाता है। 
तेरे प्यार से रंगत मिलती,
गीत तुम्हारे दिल गाता है। "

......चेतन रामकिशन "देव".......
दिनांक-२४.०२.२०१५

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