♥♥♥♥♥♥♥पिता...♥♥♥♥♥♥♥♥
पिता जो होते, हम खुश होते,
बिना पिता के बहुत अधूरे।
सलाह पिता जी की मिलती तो,
हो जाते कुछ सपने पूरे।
थाम के ऊँगली, उनकी हम भी,
जीवन पथ पर आगे बढ़ते।
जब उनका साहस मिलता तो,
हम भी ऊँची डाली चढ़ते।
हमे दर्द हो तो माँ के संग,
पिता हमारे नींद से जगते।
पिता हमारी ओर देखते,
हम उनके सीने से लगते।
पिता जो होते तो माँ की भी,
आँख नहीं पथराई रहतीं।
वो भी होती अगर सुहागिन,
स्याह कोई छाई न रहती।
लालन पालन को हम सबके,
काम पे जाते रोज सवेरे।
सलाह पिता जी की मिलती तो,
हो जाते कुछ सपने पूरे...
पांच तत्व में मिली देह जब,
पिता की तो हम घंटो रोये।
माँ की ऑंखें हुईं लबालब,
भाई बहन पल को न सोये।
बरसो बीते गये पिता को,
दूर मगर वो कब होते हैं।
माँ होती ममता की देवी,
और पिता जी रब होते हैं।
काश वक़्त ये करे वापसी,
और पिता जी घर आ जायें।
भैया, बहनें, माँ और हम सब,
उनके सीने से लग जायें।
"देव" साथ में होली खिलती,
हो जाते हम पीले, भूरे।
सलाह पिता जी की मिलती तो,
हो जाते कुछ सपने पूरे। "
.......चेतन रामकिशन "देव"........
दिनांक-०१.०३.२०१५
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