Friday, 6 March 2015

♥♥प्रेम का गंगा जल ...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम का गंगा जल ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पावन हो जायेगा जीवन, प्रेम का तुम गंगा जल दे दो। 
जीवन में भी प्रगति होगी, समस्याओं का तुम हल दे दो। 
कल तुमसे था, आज तुम्ही से, साँझ सवेरा सब कुछ तुमसे,
जीवन उज्जवल हो जायेगा, शेष काल तुम कल दे दो। 

तुम नयनों की ज्योति जैसी, मन में आशा भर देती हो। 
तुम मेरे छोटे सपनों को, उड़ने हेतु पर देती हो। 

निहित तुम्हीं में प्रेम आस्था, मुझको मुंहमांगा फल दे दो। 
पावन हो जायेगा जीवन, प्रेम का तुम गंगा जल दे दो...

साथ तुम्हारे पहली होली, फागुन की उपलब्धि जैसी। 
तुमसे ही जीवन में बरकत, जीवन की समृद्धि जैसी। 
"देव" तुम्ही से चमक रहा मन, धवल चाँद की किरणों जैसा,
तुम जीवन में निश्छल मूरत, तुम जीवन की शुद्धि जैसी।

तुम्हें देखना चाहें आँखें, इंतजार करती रहती है।
तुम क्या जानो बिना तुम्हारे, कितना ये बहती रहती हैं। 

पाना चाहूँ तेरी निकटता, मुझको अपना आँचल दे दो। 
पावन हो जायेगा जीवन, प्रेम का तुम गंगा जल दे दो। "

...................चेतन रामकिशन "देव".....................
दिनांक-०६.०३.२०१५

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