Tuesday, 29 December 2015

♥♥चांदनी रात...♥♥

♥♥♥♥♥चांदनी रात...♥♥♥♥♥
चांदनी रात हो रही फिर से। 
ख़्वाब में बात हो रही फिर से। 

एक अरसे से इतना सूखा था,
आज बरसात हो रही फिर से। 

तेरी तस्वीर में भी आई दमक,
ये करामात हो रही फिर से। 

सारे आकाश में हैं, मैं और तुम,
यूँ मुलाकात हो रही फिर से। 

रेशमी डोर से बंधे हम तुम,
ऐसी सौगात हो रही फिर से। 

सज गयी तू दुल्हन की तरह से,
आज बारात हो रही फिर से। 

"देव " न ख्वाब तोड़कर जाना,
देखो प्रभात हो रही फिर से। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२९.१२.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

Monday, 28 December 2015

♥तपस्या...♥

♥♥♥♥♥तपस्या...♥♥♥♥♥♥♥
अनुभूति की हत्या कर दी। 
खंडित प्रेम तपस्या कर दी। 
जिसका पथ आसान किया था,
उसने जटिल समस्या कर दी। 

मेरे मन को भेद दिया है,
निर्ममता के प्रहारों से। 
मेरे भावों को काटा है,
विष में डूबी तलवारों से।  
मेरे नयनों को अश्रु का,
जीवन भर अभिशाप दे दिया,
मैंने दी थी कुशल कामना,
उसने मुझको श्राप दे दिया। 

जो सौगंध उम्र भर की थी,
उसने  क्षण में मिथ्या कर दी।  
जिसका पथ आसान किया था,
उसने जटिल समस्या कर दी...

सक्षम थे वो सुन सकते थे,
मुझ याचक के प्रस्तावों को। 
वो चाहते तो भर सकते थे,
छूकर के मेरे घावों को। 
पर न समझा मर्म को मेरे,
रौंद दिया है घायल मन को। 
निरपराधी होकर बोला,
दंड मेरे भावुक जीवन को। 

मेरे शत्रु के संग मिलकर,
विजय की स्वयं प्रतिज्ञा कर दी। 
जिसका पथ आसान किया था,
उसने जटिल समस्या कर दी। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२८.१२.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

Friday, 25 December 2015

♥खुद्दारी...♥

♥♥♥♥♥♥खुद्दारी...♥♥♥♥♥♥♥
अपना दिन तो बहुत कठिन था, 
अपनी रात बहुत भारी है। 
फिर भी शिकवा नहीं किसी से,
मुझमे इतनी खुद्दारी है। 
मेरे दिल के टुकड़े करके,
वो खुशियों के दीप जलायें,
नहीं पता क्यों इस दुनिया में,
मतलब की नातेदारी है। 

कड़ी धूप में जिसकी खातिर
ठंडक को मेरे साये थे। 
खुशबु से भरने को जिसके,
घर में गुलशन महकाये थे।  
जिसके पांवों में पायल के,
जोड़े बांधे बहुत प्यार से,
छुड़ा लिया वो हाथ भी उसने,
जिसमें कंगन पहनाये थे। 

बहुत कठिन है ये सब लिखना,
साँसों तक में दुश्वारी है।   
नहीं पता क्यों इस दुनिया में,
मतलब की नातेदारी है...

चलो करें वो जो उनका मन,
मिन्नत करके हार गया हूँ। 
जब पीड़ा ही किस्मत में है,
तो ये दुःख स्वीकार गया हूँ। 
"देव " हमारे दिल के भीतर,
एक लावा भर गया दर्द का,
बन बैठा हूँ मैं विस्फोटक,
मार के दिल को, पार गया हूँ। 

अपने ग़म के साथ मैं तन्हा,
चंहुओर दुनिया सारी है। 
नहीं पता क्यों इस दुनिया में,
मतलब की नातेदारी है। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२५.१२.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

Thursday, 24 December 2015

♥निर्मोही...♥♥

♥♥♥♥♥निर्मोही...♥♥♥♥♥
अश्रुपूरित नयन हो गये। 
सारे सपने दहन हो गये।  
मेरे शब्द बताकर झूठे,
सच्चे उनके कहन हो गये। 
निर्मोही होकर वो मुझसे,
तोड़ गए सम्बन्ध नेह का,
नहीं पता के उनको कैसे,
क्षण विरह के सहन हो गये। 

मैं भी रूप किसी मानव का,
पत्थर सा निष्प्राण नहीं था। 
मेरा मन भी फूल सा कोमल,
विष में डूबा वाण नहीं था। 
हो करवद्ध किया था मैंने,
उनसे अपना भाव निवेदन,
तोड़ दिया मेरे हृदय को,
जबकि मुझको त्राण नहीं था। 

घाव मिले हैं, शूल भी देखो,
कुंठा के उत्पन्न हो गये। 
नहीं पता के उनको कैसे,
क्षण विरह के सहन हो गये.... 

या तो व्याकुलता न समझें,
या संवेदनहीन हो गये। 
मैं पीड़ा में खूब कराहा,
वो सुख में आसीन हो गये। 
" देव " हमारी स्मृति में,
उनकी छवि वसी गहरे से,
और वो हमको विस्मृत करके,
किसी और में लीन हो गये। 

पीड़ा के इन प्रहारों से,
हम तो मरणासन्न हो गये। 
नहीं पता के उनको कैसे,
क्षण विरह के सहन हो गये। "


........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२४.१२.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "    




Tuesday, 22 December 2015

बुझा बुझा सा मन


♥♥♥♥बुझा बुझा सा मन...♥♥♥♥♥
तुम बिन रिक्त हुआ है आँगन,
तुम बिन बुझा बुझा सा है मन। 
तुम बिन क्षमता थमी कर्म की,
तुम बिन थका थका सा है तन। 

तुम बिन नदियों का तट सूना,
तुम बिन बगिया मुरझाई है। 
तुम बिन आँखों में लाली है,
नींद तनिक भी न आई है। 
तुम बिन पत्र लिखावट भूले,
शब्दों की आँखों में आंसू,
तुम बिन है गहरी मायूसी,
कंटक माला उग आई है। 

तुम बिन पौधे सूख गये हैं,
आग में झुलसा है सारा वन। 
तुम बिन क्षमता थमी कर्म की,
तुम बिन थका थका सा है तन... 

तुम बिन अन्न नहीं उगता है,
खेतों की रौनक गायब है। 
तुम बिन पंछी मौन हो गये,
अब न चिड़ियों का कलरव है। 
"देव " तुम्हारी प्रतीक्षा में,
सुबह से लेकर साँझ हो गयी,
नहीं है ध्वनि वाध यंत्र में, 
न तुम बिन कोई उत्सव है। 

तुम बिन मेरा मोल नहीं कुछ,
मिटटी सा मेरा ये कण कण। 
तुम बिन क्षमता थमी कर्म की,
तुम बिन थका थका सा है तन। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२२.१२.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

Sunday, 20 December 2015

♥कच्ची मिट्टी सा दिल...♥

♥♥♥♥♥♥♥कच्ची मिट्टी सा दिल...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
भावुकता है छिन्न भिन्न सी, घाव हुये हैं, रक्त बहा है। 
मैं ही जानूं कैसे मैंने, इतने दुःख का वार सहा है। 
मेरे मन में जिसकी छवियाँ, दीर्घकाल से स्थापित थी,
उसने मेरे सत्य प्रेम को, क्षण भर में ही झूठ कहा है। 

नहीं पता कि ऐसा करके, उनको क्या कुछ मिल पायेगा। 
या उनका चेहरा दमकेगा, या फिर आँगन खिल जायेगा। 
मेरे मन पे अंकित आखर, देख के भी अनदेखा करते,
नहीं पता था जीवन पथ पे, पीड़ा का बादल छायेगा। 

विस्मृत मेरा प्रेम किया तो, किंचित क्या फिर शेष रहा है  
भावुकता है छिन्न भिन्न सी, घाव हुये हैं, रक्त बहा है..... 

सोच रहा हूँ भावुकता को, अपनायत को बौना कर दूँ। 
प्रेम भूलकर, लूट मार कर, घर में चांदी सोना भर दूँ। 
"देव " वो सुन्दर है फूलों सा, मुझसे क्या नाता रखेगा,
तिमिर घना एकाकीपन का, मैं खुद को ही बेघर कर दूँ। 

कच्ची मिट्टी सा कोमल दिल, टुकड़े होकर शेष रहा है। 
भावुकता है छिन्न भिन्न सी, घाव हुये हैं, रक्त बहा है। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-२०.१२.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

Tuesday, 8 December 2015

♥♥सितारे...♥♥

♥♥♥♥♥♥♥सितारे...♥♥♥♥♥♥♥
तुम तो आकाश के सितारे हो। 
मेरे महबूब कितने प्यारे हो। 

सारी दुनिया को है तेरी ख्वाहिश,
रश्क़ है हमको, तुम हमारे हो। 

बांसुरी कानों में कोई गूंजे,
नाम जब तुम मेरा पुकारे हो। 

बिन तेरे मेरा न वजूद कोई,
तुम मेरी नाव के किनारे हो। 

लड़खड़ाने का डर नहीं है मुझे,
क्यूंकि तुम जो मेरे सहारे हो। 

मेरी आँखों में नींद न तुम बिन,
रात तुम भी तो यूँ गुजारे हो। 

" देव " किरदार ये तेरा चमके,
रंग मेरा भी तुम निखारे हो। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-०८.१२.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। " 

Monday, 7 December 2015

♥♥♥♥फ़टी चादर..♥♥♥♥♥

दर्द दिन रात ही परोसा है। 
अब किसी पे नहीं भरोसा है। 

मैंने जिसके लिये दुआयें कीं,
देखो उसने ही मुझको कोसा है। 

आई दौलत तो मुझको भूल गया,
मैंने पाला है जिसको पोसा है। 

मुफ़लिसी मेरी और फ़टी चादर,
उसपे ठंडी हवा का बोसा है। 

"देव " आँगन तो मेरा छोड़ दिया,
पर वो उस दिन से बेघरो सा है। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-०७.१२.२०१५   
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "