Thursday, 31 March 2011
Wednesday, 30 March 2011
हिंदुस्तान( जीत की इबारत ) ,India (winning writing style)
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ हिंदुस्तान( जीत की इबारत ) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
दिल्ली झूमी, मुंबई झूमी, और पंजाब की गलियां झूमीं!
झरने झूमे, नदियाँ झूमी, और बागों की कलियाँ झूमीं!
मेरे देश के जांबाजों ने ऐसा जादू दिखलाया है,
देश का हर एक लड़का झूमा, और देश की कुडियां झूमीं!
...
भारत तेरे इस साहस से, मेरे मन में प्यास जगी है!
हम फिर से सिरमौर बनेंगे, आँखों में ये आस जगी है!
राम ने जैसे त्रेता युग में , जिस लंका पे विजय थी पाई!
आज वही फिर मौका आया, श्रीलंका पे करें चढाई!
एक बार हम दिखा चुके हैं, मौका आया है दोबारा!
हम जीते थे, हम जीतेंगे, हिन्दुस्ता है नाम हमारा…………………
बस थोड़ी सी कोशिश करना, हिम्मत का एहसास जगाना!
याद करे जो दुनिया सारी, ऐसा एक इतिहास बनाना!
दुनिया में गौरव हो अपना, और विजय का परचम लहरे,
रात में दिन सा उजियारा हो, ऐसा एक प्रकाश फैलाना!
भारत तेरे इस साहस से, मेरे मन उल्लास जगी है!
हम फिर से सिरमौर बनेंगे, आँखों में ये आस जगी है!
हनुमान ने क्रोधित होकर, जिस लंका में आग लगाई!
याद करे जो दुनिया सारी, ऐसा एक इतिहास बनाना!
एक बार हम बता चुके हैं, मौका आया है दोबारा!
हम जीते थे, हम जीतेंगे, हिन्दुस्ता है नाम हमारा!”
"भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन से हर एक व्यक्ति खुश है! हमारा देश हिंदुस्तान फिर से इतिहास दोहराने जा रहा है! आइये भारतीय टीम का उत्साह वर्धन करें!-चेतन रामकिशन( देव)"
दिल्ली झूमी, मुंबई झूमी, और पंजाब की गलियां झूमीं!
झरने झूमे, नदियाँ झूमी, और बागों की कलियाँ झूमीं!
मेरे देश के जांबाजों ने ऐसा जादू दिखलाया है,
देश का हर एक लड़का झूमा, और देश की कुडियां झूमीं!
...
भारत तेरे इस साहस से, मेरे मन में प्यास जगी है!
हम फिर से सिरमौर बनेंगे, आँखों में ये आस जगी है!
राम ने जैसे त्रेता युग में , जिस लंका पे विजय थी पाई!
आज वही फिर मौका आया, श्रीलंका पे करें चढाई!
एक बार हम दिखा चुके हैं, मौका आया है दोबारा!
हम जीते थे, हम जीतेंगे, हिन्दुस्ता है नाम हमारा…………………
बस थोड़ी सी कोशिश करना, हिम्मत का एहसास जगाना!
याद करे जो दुनिया सारी, ऐसा एक इतिहास बनाना!
दुनिया में गौरव हो अपना, और विजय का परचम लहरे,
रात में दिन सा उजियारा हो, ऐसा एक प्रकाश फैलाना!
भारत तेरे इस साहस से, मेरे मन उल्लास जगी है!
हम फिर से सिरमौर बनेंगे, आँखों में ये आस जगी है!
हनुमान ने क्रोधित होकर, जिस लंका में आग लगाई!
याद करे जो दुनिया सारी, ऐसा एक इतिहास बनाना!
एक बार हम बता चुके हैं, मौका आया है दोबारा!
हम जीते थे, हम जीतेंगे, हिन्दुस्ता है नाम हमारा!”
"भारतीय क्रिकेट टीम के शानदार प्रदर्शन से हर एक व्यक्ति खुश है! हमारा देश हिंदुस्तान फिर से इतिहास दोहराने जा रहा है! आइये भारतीय टीम का उत्साह वर्धन करें!-चेतन रामकिशन( देव)"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ India (winning writing style) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Delhi and Mumbai are happy streets of Punjab are happy!
Waterfalls and rivers are happy, and orchards of the buds are happy!
The players is so magic shows of my country,
Every guy in the country is happy, happy girl in the country!
India you the courage, roused in my mind is thirsty!
We will become high again, eyes that have roused around!
Such as Ram in Treta period, which could Lanka had won!
Then came the same opportunity today, to Sri Lanka trekking!
Once we have shown, the chance has come again!
We won, we win, we named India……………………
Just try a little, dare realize awakening!
Should remember that the whole world, that make a history!
Be glory in the world own, and hoist the flag of victory,
Be little light at night the day, it spread a light!
India you the courage, my mind is awake joy!
We will become high again, eyes that have roused around!
Once we have been told, has a chance again!
We won, we win, we named India.”
"Indian cricket team's great performance everyone is happy! Our country India is againgoing to repeat history! come addition to the enthusiasm of the team!-chetan ramkishan (Dev)"
Tuesday, 29 March 2011
प्यार ( सच का दर्पण), Love (true mirror)
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ प्यार ( सच का दर्पण) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
" कुछ लम्हों से दिल में मेरे, मीठी सी आवाज हुई है!
भीगे हुए हैं पंख मेरे पर, एक उम्दा परवाज हुई है!
पलकों की इस बगिया में अब, एक चेहरे का फूल खिला है,
जब से तुमसे प्यार हुआ है, हंसी- ख़ुशी हमसाज़ हुई है!
जब से तुमने प्यार दिया है, रातों का हर पल है रोशन!
मन में मिलन भाव जागे हैं, और भागी है सोच वियोजन!
मैंने सीखा प्यार में तेरे, प्यार भाव का दर्पण होता!
जो रखते हैं नयन जिस्म पे, प्यार नहीं वो शोषण होता............
तेरे प्यार ने मुझको हमदम, सच का सूत्र वाक्य सिखलाया!
मेहनत की है राह दिखाई, ऐतबार का भाव जगाया!
ये सच है मिला नहीं हूँ, तुझसे एक पल को भी सच में,
लेकिन जब भी झाँका दिल में, साथ में, मैंने तुझको पाया!
जब से तुमने प्यार दिया है, करता हूँ सच का अभिवादन!
"देव" तेरे बिन किसे मैं देखूं, एक तू ही मेरा मनभावन!
मैंने सीखा प्यार में तेरे, प्यार, वफ़ा का दर्शन होता!
जो रखते हैं नयन जिस्म पे, प्यार नहीं वो शोषण होता!”
"प्यार सच का दर्शन है! अगर प्यार में सत्यता का अभाव है तो वहां प्यार भी रोगग्रस्त है! तो आइये सच के साथ प्रेम करें-चेतन रामकिशन (देव)"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (true mirror) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Some moments in my heart, sweet little voice is!
Wet the feathers on me, is an excellent flying!
Now in the nursery of the eyelids, a face flower has blossomed,
When you have love, laughter has started!
When you have love, nights brighten every moment!
Sense of union in mind awake and ran dissociation wondering!
I learned to love you, love is a mirror of humor!
Keep your eyes on the body, love it exploited……………….
You love me mate, really taught the formula sentence!
Is hard to see path, aroused a sense of confidence!
Have not seen it's true, you really a moment,
But even peeped into the heart, as in, I found you!
When you have love, I really do greet!
"Dev" whom I view without you, you just my favorite one!
I learned to love you, love is a philosophy of dedication!
Keep your eyes on the body, love it exploited!”
"Love, true philosophy! the truth in love, so there is a lack of love is sick! so come tolove with true-chetan ramkishan (Dev)"
" कुछ लम्हों से दिल में मेरे, मीठी सी आवाज हुई है!
भीगे हुए हैं पंख मेरे पर, एक उम्दा परवाज हुई है!
पलकों की इस बगिया में अब, एक चेहरे का फूल खिला है,
जब से तुमसे प्यार हुआ है, हंसी- ख़ुशी हमसाज़ हुई है!
जब से तुमने प्यार दिया है, रातों का हर पल है रोशन!
मन में मिलन भाव जागे हैं, और भागी है सोच वियोजन!
मैंने सीखा प्यार में तेरे, प्यार भाव का दर्पण होता!
जो रखते हैं नयन जिस्म पे, प्यार नहीं वो शोषण होता............
तेरे प्यार ने मुझको हमदम, सच का सूत्र वाक्य सिखलाया!
मेहनत की है राह दिखाई, ऐतबार का भाव जगाया!
ये सच है मिला नहीं हूँ, तुझसे एक पल को भी सच में,
लेकिन जब भी झाँका दिल में, साथ में, मैंने तुझको पाया!
जब से तुमने प्यार दिया है, करता हूँ सच का अभिवादन!
"देव" तेरे बिन किसे मैं देखूं, एक तू ही मेरा मनभावन!
मैंने सीखा प्यार में तेरे, प्यार, वफ़ा का दर्शन होता!
जो रखते हैं नयन जिस्म पे, प्यार नहीं वो शोषण होता!”
"प्यार सच का दर्शन है! अगर प्यार में सत्यता का अभाव है तो वहां प्यार भी रोगग्रस्त है! तो आइये सच के साथ प्रेम करें-चेतन रामकिशन (देव)"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (true mirror) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Some moments in my heart, sweet little voice is!
Wet the feathers on me, is an excellent flying!
Now in the nursery of the eyelids, a face flower has blossomed,
When you have love, laughter has started!
When you have love, nights brighten every moment!
Sense of union in mind awake and ran dissociation wondering!
I learned to love you, love is a mirror of humor!
Keep your eyes on the body, love it exploited……………….
You love me mate, really taught the formula sentence!
Is hard to see path, aroused a sense of confidence!
Have not seen it's true, you really a moment,
But even peeped into the heart, as in, I found you!
When you have love, I really do greet!
"Dev" whom I view without you, you just my favorite one!
I learned to love you, love is a philosophy of dedication!
Keep your eyes on the body, love it exploited!”
"Love, true philosophy! the truth in love, so there is a lack of love is sick! so come tolove with true-chetan ramkishan (Dev)"
Sunday, 27 March 2011
मेरा पंछी मन,my Bird heart
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ मेरा पंछी मन ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
" मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
मेरे शहर में घुटन बहुत है, खुली हवा में, मैं फिर आऊ !
मेरे शहर में लोगों ने तो, मानवता में आग लगाई!
सारे इन्सां सोते हैं अब, रहते हिन्दू, सिख, इसाई!
एक तरफ ये खद्दरधारी , बहकाते हैं इन सारों को,
अपनों के ही दुश्मन बनके, सबने है तलवार उठाई!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
नफरत की ये घुटन बहुत है, उल्फत की खुश्बू को पाऊ……………….
प्रेम करो तो प्रेम में धोखा, ऐतबार की जान निकलती!
जिसका दिल भी झांक के देखो, काली सी पहचान निकलती!
एक तरफ इन धनवानों ने, गोदामों पे डाला डेरा,
और देश के कृषक के घर, ना गेहूँ ना धान निकलती!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
उर्जा सारी ख़त्म हो चुकी, सूरज से उर्जा ले आऊ!
पत्थर, पत्थर, पत्थर, पत्थर, जैसे टुकड़े हैं हर घर में!
ठीक तरह से चल नहीं पाते, और नज़र रखते अम्बर में!
देश के सारे युवा भी अब तो, बनना चाहते पल में राजा,
सोच नहीं पर उनकी उत्तम, और निश्चय भी नहीं जिगर में!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
"देव" मुझे समझाता है ये, लौट के फिर वापस ना आऊ…………….
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
मेरे शहर में घुटन बहुत है, खुली हवा में, मैं फिर आऊ!”
" देश में ये जो आग धधक रही है! उसे बुझाने के लिए हमे आगे आना होगा, वरना आने वाला भविष्य अच्छा नहीं होगा! तो आइये अपने मन में सकारात्मकता पैदा करें! -चेतन रामकिशन (देव)'
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ my Bird heart ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"My heart tells me, is I fly as a bird!
My city is very stuffy in the open air, I come again!
If people in my town, burned in humanity!
Insan sleep all now live Hindu, Sikh, Christian!
On the one hand these dirty leaders are seduced them all,
Become the enemy of our own, have all raised the sword!
My heart tells me, is I fly as a bird!
It has plenty of hate stuffy, finds the smell of love…………….
To love the love cheat, leave the life of faith!
Whose heart the eaves look, leave black identity!
On the one hand by the rich, put on the camp warehouses;
But the country's farmer's house, no wheat, no rice rises!
My heart tells me, is I fly as a bird!
Has power over all, get energy from the sun……….
Rock, rock, stone, such as pieces in every home!
Can not walk properly, and with an eye in the sky!
Now all the youth of the country, want to be king at the moment,
Not think on their best, and certainly not in mind!
My heart tells me, is I fly as a bird!
"Dev" I explain it now, not back come back again………..
My heart tells me, is I fly as a bird!
My city is very stuffy in the open air, I come again!”
"The country that is on fire! him to extinguish us will come forward, or will not come to a better future! then come to create positivity in my mind!-chetan ramkishan (Dev) '
Note: The creation www.chetankavi.blogspot.com my blog has been published in the before|
"All Rights Reserved"
" मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
मेरे शहर में घुटन बहुत है, खुली हवा में, मैं फिर आऊ !
मेरे शहर में लोगों ने तो, मानवता में आग लगाई!
सारे इन्सां सोते हैं अब, रहते हिन्दू, सिख, इसाई!
एक तरफ ये खद्दरधारी , बहकाते हैं इन सारों को,
अपनों के ही दुश्मन बनके, सबने है तलवार उठाई!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
नफरत की ये घुटन बहुत है, उल्फत की खुश्बू को पाऊ……………….
प्रेम करो तो प्रेम में धोखा, ऐतबार की जान निकलती!
जिसका दिल भी झांक के देखो, काली सी पहचान निकलती!
एक तरफ इन धनवानों ने, गोदामों पे डाला डेरा,
और देश के कृषक के घर, ना गेहूँ ना धान निकलती!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
उर्जा सारी ख़त्म हो चुकी, सूरज से उर्जा ले आऊ!
पत्थर, पत्थर, पत्थर, पत्थर, जैसे टुकड़े हैं हर घर में!
ठीक तरह से चल नहीं पाते, और नज़र रखते अम्बर में!
देश के सारे युवा भी अब तो, बनना चाहते पल में राजा,
सोच नहीं पर उनकी उत्तम, और निश्चय भी नहीं जिगर में!
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
"देव" मुझे समझाता है ये, लौट के फिर वापस ना आऊ…………….
मेरा मन कहता है मुझसे, पंछी बनकर मैं उड़ जाऊ !
मेरे शहर में घुटन बहुत है, खुली हवा में, मैं फिर आऊ!”
" देश में ये जो आग धधक रही है! उसे बुझाने के लिए हमे आगे आना होगा, वरना आने वाला भविष्य अच्छा नहीं होगा! तो आइये अपने मन में सकारात्मकता पैदा करें! -चेतन रामकिशन (देव)'
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ my Bird heart ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"My heart tells me, is I fly as a bird!
My city is very stuffy in the open air, I come again!
If people in my town, burned in humanity!
Insan sleep all now live Hindu, Sikh, Christian!
On the one hand these dirty leaders are seduced them all,
Become the enemy of our own, have all raised the sword!
My heart tells me, is I fly as a bird!
It has plenty of hate stuffy, finds the smell of love…………….
To love the love cheat, leave the life of faith!
Whose heart the eaves look, leave black identity!
On the one hand by the rich, put on the camp warehouses;
But the country's farmer's house, no wheat, no rice rises!
My heart tells me, is I fly as a bird!
Has power over all, get energy from the sun……….
Rock, rock, stone, such as pieces in every home!
Can not walk properly, and with an eye in the sky!
Now all the youth of the country, want to be king at the moment,
Not think on their best, and certainly not in mind!
My heart tells me, is I fly as a bird!
"Dev" I explain it now, not back come back again………..
My heart tells me, is I fly as a bird!
My city is very stuffy in the open air, I come again!”
"The country that is on fire! him to extinguish us will come forward, or will not come to a better future! then come to create positivity in my mind!-chetan ramkishan (Dev) '
Note: The creation www.chetankavi.blogspot.com my blog has been published in the before|
"All Rights Reserved"
Friday, 25 March 2011
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ प्यार( बदलता स्वरूप)♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"इन हाथों में प्यार की रेखा, जिन्दा अब तो बची नहीं है!
सूख गयी है मेहंदी लकिन, रंगहीन है रची नहीं है!
हर सपना अब टूट गया है, और नहीं अब चैन बचा है,
रातों को रोती ये अंखियाँ, निंदिया इनमे बची नहीं है!
प्यार में अक्सर क्यूँ होता है, अपने ही क्यूँ बनते दुश्मन!
क्यूँ दिल को तड़पाते हैं वो, क्यूँ आँखों को देते उलझन!
प्यार की होली चौराहे पे, इस तरहा ही जलती है अब!
उसके बिन ये रूह हमारी, पल पल रोज सिसकती है अब!
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है!
रहता हूँ खोया खोया सा, एक पल को भी सुकूं नहीं है........ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
प्यार यहाँ अब जात से होता, प्यार में मजहब देखा जाता!
प्यार में देखी जाती दौलत, बड़ा घरोंदा देखा जाता!
प्यार में अब तो झूठ बहुत है, सच्चाई का नाम नहीं है,
प्यार की शुद्ध भावना को भी, कदमों नीचे रौंदा जाता!
प्यार में अक्सर क्यूँ होता है, अपने ही क्यूँ बनते दुश्मन!
क्यूँ जलता है दिल नफरत से, क्यूँ जलता है इसमें योवन!
ये रंगोली चौराहे पर, क़दमों तले कुचलती है अब!
उसके बिन ये रूह हमारी, पल पल रोज सिसकती है अब!
"देव" तेरी इन रचनाओं में, होता कोई जूनून नहीं है!
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है…..♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है!
रहता हूँ खोया खोया सा, एक पल को भी सुकूं नहीं है!”
" आज लोगों ने अपने निज स्वार्थ के लिए प्रेम का स्वरूप कलुषित कर दिया है! जबकि प्रेम एक अविरल प्रवाहित होने वाली अमृत धारा है! तो आइये हम सब अपनी सोच बदलते हुए, प्रेम को फिर से सुनहरा आवरण धारण करायें!- चेतन रामकिशन(देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.co m में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (changed format) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Love in the hands of the line is left alive now!
Lain has dried henna, is colorless and is not planned!
Every dream is broken now, no longer rest is left
Nights weeping eyes, left these, do not sleep!
Love is often why, why becoming your own enemy!
Why do they hurt the heart, why do the eyes confused!
Book of love at the crossroads, such as burning now!
Without it our soul, every moment is crying every day now!
I say, what to write, is now in the hands of blood!
Lost Lost live, not a moment too peace……..♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Now here would love to cast, religion is seen in love!
Love is seen in the wealth, is seen a big house!
Much in love now lies, the truth is not the name,
Pure spirit of love, too, are trampled under foot!
Love is often why, why becoming your own enemy!
Why heart burns with hatred, why this young burns!
The Book of love at the crossroads, foot are now buried under!
Without it our soul, every moment is crying every day now!
"Dev" in your compositions, is not an obsession!
I say, what to write, is now in the hands of blood….♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
I say, what to write, is now in the hands of blood!
Lost Lost live, not a moment too peace!”
"Today people who love the nature of its property interests to have foul! the love with acontinuous flowing stream is immortal! So come all of us changing our thinking, givelove to wear again holding golden cover! - chetan ramkishan (Dev) "
Note: The creation www.chetankavi.blogspot.co m my blog has been published in the before|
"All Rights Reserved"
"इन हाथों में प्यार की रेखा, जिन्दा अब तो बची नहीं है!
सूख गयी है मेहंदी लकिन, रंगहीन है रची नहीं है!
हर सपना अब टूट गया है, और नहीं अब चैन बचा है,
रातों को रोती ये अंखियाँ, निंदिया इनमे बची नहीं है!
प्यार में अक्सर क्यूँ होता है, अपने ही क्यूँ बनते दुश्मन!
क्यूँ दिल को तड़पाते हैं वो, क्यूँ आँखों को देते उलझन!
प्यार की होली चौराहे पे, इस तरहा ही जलती है अब!
उसके बिन ये रूह हमारी, पल पल रोज सिसकती है अब!
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है!
रहता हूँ खोया खोया सा, एक पल को भी सुकूं नहीं है........ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
प्यार यहाँ अब जात से होता, प्यार में मजहब देखा जाता!
प्यार में देखी जाती दौलत, बड़ा घरोंदा देखा जाता!
प्यार में अब तो झूठ बहुत है, सच्चाई का नाम नहीं है,
प्यार की शुद्ध भावना को भी, कदमों नीचे रौंदा जाता!
प्यार में अक्सर क्यूँ होता है, अपने ही क्यूँ बनते दुश्मन!
क्यूँ जलता है दिल नफरत से, क्यूँ जलता है इसमें योवन!
ये रंगोली चौराहे पर, क़दमों तले कुचलती है अब!
उसके बिन ये रूह हमारी, पल पल रोज सिसकती है अब!
"देव" तेरी इन रचनाओं में, होता कोई जूनून नहीं है!
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है…..♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
क्या मैं बोलूं, क्या में लिखूं, अब हाथों में खून नहीं है!
रहता हूँ खोया खोया सा, एक पल को भी सुकूं नहीं है!”
" आज लोगों ने अपने निज स्वार्थ के लिए प्रेम का स्वरूप कलुषित कर दिया है! जबकि प्रेम एक अविरल प्रवाहित होने वाली अमृत धारा है! तो आइये हम सब अपनी सोच बदलते हुए, प्रेम को फिर से सुनहरा आवरण धारण करायें!- चेतन रामकिशन(देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.co
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (changed format) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Love in the hands of the line is left alive now!
Lain has dried henna, is colorless and is not planned!
Every dream is broken now, no longer rest is left
Nights weeping eyes, left these, do not sleep!
Love is often why, why becoming your own enemy!
Why do they hurt the heart, why do the eyes confused!
Book of love at the crossroads, such as burning now!
Without it our soul, every moment is crying every day now!
I say, what to write, is now in the hands of blood!
Lost Lost live, not a moment too peace……..♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Now here would love to cast, religion is seen in love!
Love is seen in the wealth, is seen a big house!
Much in love now lies, the truth is not the name,
Pure spirit of love, too, are trampled under foot!
Love is often why, why becoming your own enemy!
Why heart burns with hatred, why this young burns!
The Book of love at the crossroads, foot are now buried under!
Without it our soul, every moment is crying every day now!
"Dev" in your compositions, is not an obsession!
I say, what to write, is now in the hands of blood….♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
I say, what to write, is now in the hands of blood!
Lost Lost live, not a moment too peace!”
"Today people who love the nature of its property interests to have foul! the love with acontinuous flowing stream is immortal! So come all of us changing our thinking, givelove to wear again holding golden cover! - chetan ramkishan (Dev) "
Note: The creation www.chetankavi.blogspot.co
"All Rights Reserved"
Thursday, 24 March 2011
मेरी माँ( मेरा खुदा), my mom (my God)
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ मेरी माँ( मेरा खुदा)♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"पत्थर पर नदियों का पानी, गिरकर जैसे दाग बनाए!
पत्थर से पत्थर रगड़ो तो, चिंगारी और आग लगाए!
वैसे ही तेरे क़दमों के, नीचे बनता जहाँ हमारा,
माँ तेरे साए का बरगद, कड़क धूप से हमें बचाए!
तेरे उपकारों का बदला, हरगिज़ नहीं चुका सकता हूँ!
उम्र मेरी बढ़ सकती है पर, जीवन नहीं बना सकता हूँ!
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो वंदन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!
रोज सवेरे उठकर माता, करता हूँ मैं तेरी इबादत!
तुने जन्म दिया है मुझको, तेरी कोख में हुई बनावट.............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
तेरा ही प्रकाश जमीं पर, तेरा ही प्रकाश गगन में!
तेरी ही खुश्बू फूलों में, तेरा ही उल्लास चमन में!
तेरी लोरी कान में बजती, और दिल में वसता है चेहरा,
तेरा ही साया है सर पे, तेरा ही एहसास नयन में!
तू माली है और तुझ बिन मैं, बगिया नहीं खिला सकता हूँ!
अपनी खुशियों के लालच में, तुझको नहीं रुला सकता हूँ!
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो दर्शन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!
"देव" तेरे मुश्किल के पल में, माँ की दुआ से हुई हिफाजत!
तुने जन्म दिया है मुझको, तेरी कोख में हुई बनावट.............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो वंदन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!”
"माँ-( इतना विस्तार पटल है की अर्थ नहीं लिख सकता), अनमोल, असाधारण और जीवन निर्माता! अपनी प्रेरणा के प्रेम पूर्ण सहयोग से आज की रचना माँ के लिए समर्पित की है! आशा करूँगा कि हम सब इन शब्दों को यथार्थ रूप में भी प्रयोग करते हुए, माँ को इस धरती का खुदा बना दें!-चेतन रामकिशन( देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ my mom (my God) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"stone rivers of water, blot up as down!
Rub the stone from stone, put the spark and fire!
Just for your actions, where we made below,
Mother's Banyan your shadows, save us from the strong sun!
Revenge of your favor, do not have!
I may grow old, the life can not!
You earth is my God, I shall thy salutation!
Me not wanting to money, greetings, your will I!
Mother got up early every day, do I worship your!
You gave me birth, your womb has the texture .............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Your own light on the ground, your own light in the sky!
Yours smells flowers, small garden in your own joy!
Your voice rings in the ears, and heart is in the face
The shadow on your head, your own feeling in the eye!
I without you, you have gardeners, nursery can not feed!
Lure their happiness, you can not cry!
Earth you are my God, I will your vision!
Me not wanting to money, greetings, your will I!
"Dev" In your difficult moments, was to protect the mother's wish!
You gave me birth, your womb has the texture .............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
You earth is my God, I shall thy salutation!
Me not wanting to money, greetings, your will I!”
"Mother - (meaning the board can not write so much detail), very precious and life-maker! support of my lovely inspiration we make creation of today is dedicated to mother! Hope that we will do all these words accurately in also using in life, and make mother of the earth to retain God! - Chetan Ramkishan (Dev) "
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
"पत्थर पर नदियों का पानी, गिरकर जैसे दाग बनाए!
पत्थर से पत्थर रगड़ो तो, चिंगारी और आग लगाए!
वैसे ही तेरे क़दमों के, नीचे बनता जहाँ हमारा,
माँ तेरे साए का बरगद, कड़क धूप से हमें बचाए!
तेरे उपकारों का बदला, हरगिज़ नहीं चुका सकता हूँ!
उम्र मेरी बढ़ सकती है पर, जीवन नहीं बना सकता हूँ!
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो वंदन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!
रोज सवेरे उठकर माता, करता हूँ मैं तेरी इबादत!
तुने जन्म दिया है मुझको, तेरी कोख में हुई बनावट.............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
तेरा ही प्रकाश जमीं पर, तेरा ही प्रकाश गगन में!
तेरी ही खुश्बू फूलों में, तेरा ही उल्लास चमन में!
तेरी लोरी कान में बजती, और दिल में वसता है चेहरा,
तेरा ही साया है सर पे, तेरा ही एहसास नयन में!
तू माली है और तुझ बिन मैं, बगिया नहीं खिला सकता हूँ!
अपनी खुशियों के लालच में, तुझको नहीं रुला सकता हूँ!
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो दर्शन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!
"देव" तेरे मुश्किल के पल में, माँ की दुआ से हुई हिफाजत!
तुने जन्म दिया है मुझको, तेरी कोख में हुई बनावट.............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
तू धरती पे मेरा खुदा है, मैं तो वंदन तेरा करूँगा!
मुझको दौलत की ना चाहत, अभिनन्दन मैं तेरा करूँगा!”
"माँ-( इतना विस्तार पटल है की अर्थ नहीं लिख सकता), अनमोल, असाधारण और जीवन निर्माता! अपनी प्रेरणा के प्रेम पूर्ण सहयोग से आज की रचना माँ के लिए समर्पित की है! आशा करूँगा कि हम सब इन शब्दों को यथार्थ रूप में भी प्रयोग करते हुए, माँ को इस धरती का खुदा बना दें!-चेतन रामकिशन( देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ my mom (my God) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"stone rivers of water, blot up as down!
Rub the stone from stone, put the spark and fire!
Just for your actions, where we made below,
Mother's Banyan your shadows, save us from the strong sun!
Revenge of your favor, do not have!
I may grow old, the life can not!
You earth is my God, I shall thy salutation!
Me not wanting to money, greetings, your will I!
Mother got up early every day, do I worship your!
You gave me birth, your womb has the texture .............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Your own light on the ground, your own light in the sky!
Yours smells flowers, small garden in your own joy!
Your voice rings in the ears, and heart is in the face
The shadow on your head, your own feeling in the eye!
I without you, you have gardeners, nursery can not feed!
Lure their happiness, you can not cry!
Earth you are my God, I will your vision!
Me not wanting to money, greetings, your will I!
"Dev" In your difficult moments, was to protect the mother's wish!
You gave me birth, your womb has the texture .............. ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
You earth is my God, I shall thy salutation!
Me not wanting to money, greetings, your will I!”
"Mother - (meaning the board can not write so much detail), very precious and life-maker! support of my lovely inspiration we make creation of today is dedicated to mother! Hope that we will do all these words accurately in also using in life, and make mother of the earth to retain God! - Chetan Ramkishan (Dev) "
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
Wednesday, 23 March 2011
***********आम आदमी( देश की रीढ़),simple man (the backbone of the country )
***********आम आदमी( देश की रीढ़)******************
"पत्थर की कोई शिला नहीं हूँ!
खंडहर, सूना किला नहीं हूँ!
जन्मा हूँ मैं हाड़-मांस से,
कंदराओं से मिला नहीं हूँ!
मैंने भी इस वतन की खातिर, अपने तन का लहू बहाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!
आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे जिस्म में जान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............
कागज जैसा जला नहीं हूँ!
और बर्फ से गला नहीं हूँ!
झुलसी सूरत धूप से मेरी,
संसाधन में पला नहीं हूँ!
जून मई की धूप में मैंने, अपना सारा बदन तपाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!
आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे कुछ अरमान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............
"किसी भी देश के उत्थान, निर्माण और गतिमान दशा को मजबूत करने के लिए "आम आदमी" की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है! लेकिन इसके बाबजूद उसका शोषण होता है! तो आइये अपने स्तर से "आम आदमी" के शोषण को कम करने का प्रयास करें- चेतन रामकिशन(देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
"पत्थर की कोई शिला नहीं हूँ!
खंडहर, सूना किला नहीं हूँ!
जन्मा हूँ मैं हाड़-मांस से,
कंदराओं से मिला नहीं हूँ!
मैंने भी इस वतन की खातिर, अपने तन का लहू बहाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!
आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे जिस्म में जान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............
कागज जैसा जला नहीं हूँ!
और बर्फ से गला नहीं हूँ!
झुलसी सूरत धूप से मेरी,
संसाधन में पला नहीं हूँ!
जून मई की धूप में मैंने, अपना सारा बदन तपाया!
शोषण सहकर के भी मैंने, देश को नीचा नहीं दिखाया!
आम आदमी हूँ तो क्या, मेरे कुछ अरमान नहीं है!
क्यूँ मुझको ठुकराते हो, क्या मेरी कौम इंसान नहीं है.............
"किसी भी देश के उत्थान, निर्माण और गतिमान दशा को मजबूत करने के लिए "आम आदमी" की महत्त्व पूर्ण भूमिका होती है! लेकिन इसके बाबजूद उसका शोषण होता है! तो आइये अपने स्तर से "आम आदमी" के शोषण को कम करने का प्रयास करें- चेतन रामकिशन(देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
*********** simple man (the backbone of the country )***************
"do not rock a rock!
Ruins, deserted fort'm not!
I was born bone - meat,
Have not seen the cave!
I also for the sake of the homeland, shed the blood of your body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!
So will the common man, life is not in my body!
Why have rejected me, my race is not a human being…………………….
As the paper will not burn!
And snow-strangled'm not!
My scorched face the sun,
Processing'm not up!
May-June in the sunshine, tempered his whole body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!
So will the common man, some of my desires is not
Why have rejected me, my race is not a human being.!”
"the rise of any country, state building and moving to strengthen the " common man "full of the important role that! but still it is exploitation! so come to our level" common man "to reduce the exploitation of Try - chetan ramkishan (Dev) "
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
"do not rock a rock!
Ruins, deserted fort'm not!
I was born bone - meat,
Have not seen the cave!
I also for the sake of the homeland, shed the blood of your body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!
So will the common man, life is not in my body!
Why have rejected me, my race is not a human being…………………….
As the paper will not burn!
And snow-strangled'm not!
My scorched face the sun,
Processing'm not up!
May-June in the sunshine, tempered his whole body!
I have also suffered abuse, the country did not let down!
So will the common man, some of my desires is not
Why have rejected me, my race is not a human being.!”
"the rise of any country, state building and moving to strengthen the " common man "full of the important role that! but still it is exploitation! so come to our level" common man "to reduce the exploitation of Try - chetan ramkishan (Dev) "
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
प्यार (दिल का दर्द), Love (heart pain)
♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार (दिल का दर्द)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"प्यार के वादे क्यूँ करते थे, क्यूँ करते थे हमसे बातें!
क्यूँ मिलने आते थे हमसे, क्यूँ जगते थे सारी रातें!
कहते थे की सारी खुशियाँ कर दूंगा मैं तेरे अर्पण,
लेकिन फिर भी दे गए मुझको, अश्कों से भीगी बरसातें!
जिस दिल को अपना कहते थे, उस दिल को ही तोड़ गए हो !
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!
काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............
तेरे प्यार की खातिर मैंने अपनों का दामन ठुकराया!
तोड़ के सारी जंजीरें वो, तुझको अपना हाथ थमाया!
तेरे दर्द को देख के मैंने नम कर ली थी अपनी आंखें,
तेरे प्यार की ख्वाहिश में, अपना हर अरमान मिटाया!
लाके बीच समुन्दर में तुम, अब अपना मुंह मोड़ गए हो!
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!
काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............
काश तुम्हारी सोच कलुषित, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!”
"प्यार में दिल टूटने पर, बहुत तकलीफ होती है! इसलिए किसी का दिल ना तोडें- चेतन रामकिशन( देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.co m में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (heart pain) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Why used the promise of love, why things used to us!
Why had come to meet us, why was awake all night!
I would say your dedication will make all the happiness,
But even were giving me, tears wet with rain!
Its called the heart, the heart was breaking!
Lonely lonely tears shed, the condition is left!
Wish your mind set, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !...............
For the sake of your love I own rejected the tail!
He broke all the chains, Maine handed his hand!
You see the pain I had to wet his eyes,
To aspire to your love, your every desires deleted!
Wish you think foul, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !”
"Love on the heartbreak, too hurts! why not break hearts - chetan ramkishan (Dev)"
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
"प्यार के वादे क्यूँ करते थे, क्यूँ करते थे हमसे बातें!
क्यूँ मिलने आते थे हमसे, क्यूँ जगते थे सारी रातें!
कहते थे की सारी खुशियाँ कर दूंगा मैं तेरे अर्पण,
लेकिन फिर भी दे गए मुझको, अश्कों से भीगी बरसातें!
जिस दिल को अपना कहते थे, उस दिल को ही तोड़ गए हो !
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!
काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............
तेरे प्यार की खातिर मैंने अपनों का दामन ठुकराया!
तोड़ के सारी जंजीरें वो, तुझको अपना हाथ थमाया!
तेरे दर्द को देख के मैंने नम कर ली थी अपनी आंखें,
तेरे प्यार की ख्वाहिश में, अपना हर अरमान मिटाया!
लाके बीच समुन्दर में तुम, अब अपना मुंह मोड़ गए हो!
तन्हा तन्हा अश्क बहाऊ, इस हालत में छोड़ गए हो!
काश तुम्हारे मन की नियत, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!...............
काश तुम्हारी सोच कलुषित, पहले से मुझको दिख जाती!
ना तुमको मैं दिल देती और ना ही तुमसे प्यार निभाती!”
"प्यार में दिल टूटने पर, बहुत तकलीफ होती है! इसलिए किसी का दिल ना तोडें- चेतन रामकिशन( देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.co
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ Love (heart pain) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"Why used the promise of love, why things used to us!
Why had come to meet us, why was awake all night!
I would say your dedication will make all the happiness,
But even were giving me, tears wet with rain!
Its called the heart, the heart was breaking!
Lonely lonely tears shed, the condition is left!
Wish your mind set, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !...............
For the sake of your love I own rejected the tail!
He broke all the chains, Maine handed his hand!
You see the pain I had to wet his eyes,
To aspire to your love, your every desires deleted!
Wish you think foul, is already showing me!
I love you heart you would not play nor !”
"Love on the heartbreak, too hurts! why not break hearts - chetan ramkishan (Dev)"
Note: The creation my blog "www.chetankavi.blogspot. com" has been published before in.
"All Rights Reserved"
Monday, 21 March 2011
मेरी प्रेमिका( फूलों की छवि ), my girlfriend (flower image)
♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मेरी प्रेमिका( फूलों की छवि )♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"एक पल की दूरी भी अब तो, मुझसे सही नहीं जाती है!
तेरे बिन क्या हालत दिल की, मुझसे कही नहीं जाती है!
तुझसे प्यार किया है जबसे, हर लम्हा बस याद तुम्हारी,
आंखें बंद भी करके देखीं, निंदिया मगर नहीं आती है!
तेरे प्यार के जादू से तो, मेरे मन की सोच बदल गई!
जीवन की तन्हाई भी अब, पायल की झंकार में ढल गई!
इस पत्थर के शहर में अब तो, तू ही रेशम सा लगता है!
धूप हो कितनी भी कड्कीली, प्यार भरा मौसम लगता है!
छवि है तेरी फूलों जैसी, तू धरती पे रब की सूरत!
तेरे बिन मैं जी ना पाउ, तू जीवन की बनी जरुरत........ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
जब तक तुमसे मिला नहीं था, दिल का गुलशन खिला नहीं था!
जीवन की नदियाँ थी फीकी, मधुर भरा रस घुला नहीं था!
राहों के पत्थर, कंकर भी, पैरों को ज़ख़्मी करते थे,
घर में रहता था अँधेरा, कोई दीपक जला नहीं था!
जीवन की उर्जा की प्यासी, नीरसता की बरफ पिघल गई!
जीवन की तन्हाई भी अब, चित्रकला के रंग में ढल गई!
भीड़ में अब लाखों चेहरों की, एक तू हमदम सा लगता है!
दर्द भरा प्रभाव छीन ले, ऐसा मरहम सा लगता है!
छवि है तेरी फूलों जैसी, तू धरती पे रब की मूरत!
तेरे बिन मैं जी ना पाउ, तू जीवन की बनी जरुरत!”
"शुद्ध प्रेम से जीवन में एक सकारात्मक प्रवाह होता है! जिससे जीवन में आत्म विश्वास, स्वाभिमान और निश्चय पैदा होता है! तो आइये इसी शुद्ध सोच के साथ प्यार करें- चेतन रामकिशन( देव)"
नोट: यह रचना मेरे ब्लॉग www.chetankavi.blogspot.com में पूर्व प्रकाशित हो चुकी है |
"सर्वाधिकार सुरक्षित"
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ my girlfriend (flower image) ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"A moment away So now, me is not right!
Without your heart condition, is not called me!
Since you have loved, you just remember every moment,
Seen by the eyes closed, but does not sleep!
"A moment away So now, me is not right!
Without your heart condition, is not called me!
Since you have loved, you just remember every moment,
Seen by the eyes closed, but does not sleep!
If you love magic, the thinking has changed my mind!
Loneliness of life now, anklets adapt to the chimes!
The stone in the city now, you feel the silk ones!
No matter how strong is sunshine, the weather looks of love!
Loneliness of life now, anklets adapt to the chimes!
The stone in the city now, you feel the silk ones!
No matter how strong is sunshine, the weather looks of love!
Image like your flowers, you earth the face of God!
I can not live without you, you made need life ........ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
I can not live without you, you made need life ........ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
Met you was not until the heart was not feeding the flowers!
Rivers of Life was bleak, full of sweet juice was not dissolving!
The path of the stone, gravel, even when the legs were injured,
Lived in the house was dark,not a lamp was burning!
Rivers of Life was bleak, full of sweet juice was not dissolving!
The path of the stone, gravel, even when the legs were injured,
Lived in the house was dark,not a lamp was burning!
Thirsting for power of life, the monotony of the ice melt!
Loneliness of life now, painting the color adapt!
Loneliness of life now, painting the color adapt!
Now millions of faces in the crowd, my little one you think!
Full effect to take away the pain, it is healing sounds!
Full effect to take away the pain, it is healing sounds!
Image like your flowers, you image of God on earth!
I can not live without you, you made need life!”
"A positive flow of life is pure love! the life self-confidence, pride and certainty is born!so come fall in love with this pure thinking - chetan ramkishan (Dev)"
Note: The creation my blog www.chetankavi.blogspot. com has been published before in.
"All Rights Reserved"
"All Rights Reserved"
Subscribe to:
Posts (Atom)