Thursday, 17 March 2011

****************************humsaya************************************


"वो मेरे साथ है, मुझे तन्हा नहीं रहने देगा!
पी लेगा मेरे अश्क, मेरी आँखें नहीं बहने देगा!


    मुझे यकीन है वो है मेरा हमदर्द बहुत,
    खुद सह लेगा,मुझे दर्द नहीं सहने देगा!


ए खुदा लग जाये "देव" उसको मेरी ये सारी उम्र,
खुद कह लेगा ,मुझे ये शब्द नहीं कहने देगा!


    वो है आधार मेरा,और उसकी एक ईमारत मैं,
    लाख तूफ़ान हों, वो मुझको नहीं ढहने देगा!


सफ़र जिस्मों का  हो जाये ख़त्म लेकिन मगर,
याद के साये से ,मुझे ये धूप नहीं सहने देगा!"

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