Sunday, 29 April 2012

♥♥♥♥♥♥♥♥मजहबी उन्माद..♥♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥मजहबी उन्माद..♥♥♥♥♥♥♥

रंगों को भेद न हो, मजहबी उन्माद न हो!
अपने हाथों से कभी दंगा और फसाद न हो!

एक जैसे ही हैं हम, सारे जहाँ के मानव,
सरहद के नाम पर, हिंसा कोई विवाद न हो!

जीवन भर के हम संगी-साथी, 
प्यार का रंग कभी बर्बाद न हो!

प्यार में जैसे भी हालात हों सह लेना पर,
भूल से कभी नफरत का घर आबाद न हो!

प्यार के रंग में हम "देव" डूब जायें बस,
हर्ष की मुरली बजे, दुख का शंखनाद न हो!"

..."शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"...

Friday, 27 April 2012


♥♥♥♥♥माँ का प्यार..♥♥♥♥♥♥♥



मेरे सर पर तुम्हारा हाथ और संग में दुआयें हैं!


ख़ुशी की रोशनी रोशन, बहुत महकी हवायें हैं!


मेरी माँ आपके इस प्यार का, आभार कैसे दूँ!


हैं सागर सी सरीखी माँ तो मैं जलधार कैसे दूँ!


मेरे जीवन में माँ ने हर्ष के, दीपक जलायें हैं!


मेरे सर पर तुम्हारा हाथ और संग में दुआयें हैं!"




मेरी माँ प्रेमलता जी को समर्पित पंक्तियाँ!


......"शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"......



Thursday, 26 April 2012


♥♥♥♥♥♥ज़िन्दगी के मायने.♥♥♥♥♥♥♥♥♥

किसी के दिल को करार दे दो, किसी के दिल को दुलार दे दो!
किसी की आँखों के अश्क पीकर, ख़ुशी की मीठी फुहार दे दो!
किसी को तालीमी नूर दे दो, किसी के मन को निखार दे दो!
पड़े किसी को अगर जरुरत, तो जिंदगी भी उधार दे दो!

........"शुभ-दिन"..........चेतन रामकिशन "देव"...........

Wednesday, 25 April 2012

♥उल्फ़त के दीपक.


♥♥♥उल्फ़त के दीपक.♥♥♥

आओ उल्फ़त के दीपक जला दो जरा!
आओ तुम नफरतों को भुला दो जरा!

हाथ में हाथ लेकर, मोहब्बत के संग,
तुम दिलों को दिलों से, मिला दो जरा!

ख़ार नफरत के तो बस बहाते लहू,
तुम गुलाबों के उपवन खिला दो जरा!"

..."शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"..

♥कलमकार....♥



♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥कलमकार....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कलम उठाकर लिखें चलो हम, सुन्दर-२ मनोभावों को!
कलम उठाकर लिखें चलो हम, सच्चाई के प्रभावों को!
कलमकार बनना है हमको, जात-धर्म से ऊपर उठकर,
कलम उठाकर लिखें चलो हम, गंगा जमुनी सद्भावों को!"
........"संध्या-प्रणाम"....चेतन रामकिशन "देव"..........


Tuesday, 24 April 2012

♥मन में उड़ान..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥मन में उड़ान..♥♥♥♥♥♥♥♥

उम्मीद के पंखों से, मन में उड़ान रखना!
तुम अपनी निगाहों में, आसमान रखना!

एक पल में नहीं बनता है इतिहास जहाँ में!
हर पल ही नहीं मिलता है उल्लास जहाँ में!
बातें बनाने भर से, कहाँ मिलती है विजय,
तुम्हें जो जीतना है तो करो, प्रयास जहाँ में!

तन से भले बूढ़े हो पर मन जवान रखना!
उम्मीद के पंखों से, मन में उड़ान रखना!"

..."शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"...

Monday, 23 April 2012

♥हिंसा का प्रचलन..♥

♥♥♥♥♥♥♥हिंसा का प्रचलन..♥♥♥♥♥♥♥
गाँधी के मुल्क में भी, हिंसा का प्रचलन है!
आंसू किसी के देख के, होती नहीं दुखन है!
इस मुल्क में अब हो रही मजहब पे लड़ाई,
हर ओर देखो खून से रंजित हुआ अमन है!

गाँधी के नाम को भी, बर्बाद कर रहे हम!
आपस में लड़ रहे हैं, फसाद कर रहे हम!

भूमि है लाल खून से, सहमा हुआ गगन है!
गाँधी के मुल्क में भी, हिंसा का प्रचलन है....

अब खून की गंगा भी बहाने में डर नहीं है!
नफरत की दीवारें हैं, अब कोई घर नहीं हैं!
लड़ते हैं लोग आजकल छोटी सी बात पर,
उनके दिलों में नेह का, कोई असर नहीं है!

गाँधी की शांति को वो कमजोर बताते हैं!
इस देश के वो लोग जो हथियार उठाते हैं!

खिलते हुए गुलाब का, सूखा हुआ चमन है!
गाँधी के मुल्क में भी, हिंसा का प्रचलन है....

हिंसा से कभी रूह को आराम नहीं मिलता!
हिंसा से कभी दिल को ईनाम नहीं मिलता!
"देव" क्या पाओगे, हिंसा के पथ पे चलकर,
हिंसा के पथ पे कोई, भगवान नहीं मिलता!

हिंसा का पाठ जिंदगी, सुधार नहीं सकता!
हिंसा का रंग जिंदगी, निखार नहीं सकता!

न जाने शांति का, कब होना आगमन है!
गाँधी के मुल्क में भी, हिंसा का प्रचलन है!"


" महात्मा गाँधी का ये देश, हिंसा की आग में धधक रहा है! हिंसा कभी मजहब की तो कभी किसी के हकों को लूटने की! किन्तु अशांति पैदा करके आप तन का, धन का और दुरित भावना का उल्लास तो ले सकते हैं, पर रूह और ह्रदय का सुकूं नहीं! तो आइये चिंतन करें!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-२४.४.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित!
ये रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!

Sunday, 22 April 2012

♥मधुर व्यवहार.♥


♥♥♥♥♥♥♥मधुर व्यवहार.♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सुन्दर ही सोच रखना, ऊँचे विचार रखना!
छोटी सी जिंदगी है उत्तम व्यवहार रखना

कागज़ के नोट से न मिलता सकूं जहाँ में
सदभाव, शान्ति से, मन में सुधार रखना!

नफरत सदा सिखाती आपस में बैर रखना !
हर इक के वास्ते तुम, ह्रदय में प्यार रखना

सुन्दर ही सोच रखना, ऊँचे विचार रखना!"

रचना संपादन-
माँ प्रेमलता जी

...."शुभ-दिन"...चेतन रामकिशन "देव"....


Saturday, 21 April 2012

♥अंगारों की राह...♥



♥♥♥♥♥♥अंगारों की राह...♥♥♥♥♥♥♥
अंगारों की राह पे चलना सीख लिया!
मैंने भी दीपक सा जलना सीख लिया!

हार-जीत में रहता हूँ, मैं एक जैसा,
मैंने आबो-हवा में ढलना सीख लिया!

अब मेरी पहचान भी नफरत भूल गई,
मैंने नफरत को भी छलना सीख लिया!"

.."शुभ-दिन".चेतन रामकिशन "देव"....


Wednesday, 18 April 2012

♥बेरोजगार युवा...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥बेरोजगार युवा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पढ़-लिखकर भी युवा देश का, रोजगार को भटक रहा है!
उनका पेट है भूख से खाली, आंख से आंसू छिटक रहा है!

लेकिन देश की सरकारों को, उनकी कोई फ़िक्र नही है!
युवा की खातिर रोजगार का, करता कोई जिक्र नहीं है!

युवा वर्ग कुंठित होकर, देखो फांसी पर लटक रहा है!
पढ़-लिखकर भी युवा देश का, रोजगार को भटक रहा है!"
.................चेतन रामकिशन "देव"........................
दिनांक--१८.०४.२०१२

Tuesday, 17 April 2012

♥सुन्दर सितार..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥सुन्दर सितार..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
हमारे दिल का सुकून हो तुम, हमारे दिल का करार हो तुम!
हमारे जीवन की चांदनी हो, हमारे मन का निखार हो तुम!
तुम्हारी चाहत में मेरे हमदम, खुशी हवा में घुली-मिली है,
तुम्हारी बोली बड़ी ही प्यारी के जैसे झंकृत सितार हो तुम!"
......................चेतन रामकिशन "देव"......................

Friday, 13 April 2012

♥♥बाबा साहब..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥बाबा साहब..♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम अपने अधिकार सीखिए बाबा से!
शिक्षा का विस्तार सीखिए बाबा से!
शोषण के सम्मुख बाबा न झुके कभी,
शक्ति का उद्गार सीखिए बाबा से!

बिन संघर्ष के नहीं विजेता बन सकते!
बिना संगठन दुश्मन पे न तन सकते!

शोषण पर प्रहार सीखिए बाबा से!
तुम अपने अधिकार सीखिए बाबा से.....

घोर अभावों में रहकर भी नाम किया!
युगों-२ तक याद रहे वो काम किया!
बाबा साहब नमन आपको करते हैं,
आपने शोषित वर्गों का उत्थान किया!

हमें बाबा के पदचिन्हों पर चलना होगा!
तिमिर में भी दीपक जैसे जलना होगा!

जीवन का आधार सीखिए बाबा से!
तुम अपने अधिकार सीखिए बाबा से!"


बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के जन्म-दिवस पर हार्दिक बधाई और आह्वान की जाति-धर्म से ऊपर उठकर
ज्ञान पुरुष के पदचिन्हों पर चलकर शिक्षा, संघर्ष और संगठन को उन्नत करें!

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-१४.०४.२०१२




Wednesday, 11 April 2012

♥माँ के दर्शन..♥


♥♥♥♥माँ के दर्शन..♥♥♥♥
सुन्दर भोर में माँ के दर्शन,
जब भी हमको मिल जाते हैं!

रात रात भर मुरझाए से,
फूल भी क्षण में खिल जाते हैं!

इस दुनिया माँ के सम्मुख,
कुछ लिखने को शब्द नहीं है!

इस दुनिया में माँ के जैसी,
कोई छवि उपलब्ध नहीं है!

माँ के प्यार से वायु में भी,
अणु ख़ुशी के घुल जाते हैं!

सुन्दर भोर में माँ के दर्शन,
जब भी हमको मिल जाते हैं!"

........"शुभ-दिन"............

माँ को प्रणाम

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-१२.०४.२०१२


♥कौमी एकता..♥♥


♥♥♥♥कौमी एकता..♥♥♥♥
उम्मीदों को पंख लगाने आया हूँ!
सरहद की दीवार गिराने आया हूँ!

हिन्दू-मुस्लिम से प्यारे होते इन्सां,
मैं मजहब की आग बुझाने आया हूँ!

मुल्कों की जागीर नहीं हैं रास मुझे,
मैं चाहत का जहाँ वसाने आया हूँ!

नहीं चाहिए मुझको बम, बारूद कोई,
मैं फूलों की खेप बिछाने आया हूँ!

"देव" ये सच है मैं हूँ एक पंछी लेकिन,
मानवता का पाठ पढ़ाने आया हूँ!"

........चेतन रामकिशन "देव"..........
दिनांक--११.०४.२०१२

Sunday, 8 April 2012

♥सपनों की राजकुमारी..♥


♥♥♥सपनों की राजकुमारी..♥♥♥
तुम मेरे सपनों की राजकुमारी हो!
चंदा की किरणों के जैसी प्यारी हो!
देह मात्र का तुमसे न सम्बन्ध मेरा,
तुम तो मेरी रूह की नातेदारी हो!

तुमसे ही कायम मेरी जीवन धारा!
तुमसे ही मेरे जीवन का उजियारा!

हंसती गाती तुम कोई फुलवारी हो!
तुम मेरे सपनों की राजकुमारी हो....

जब भी तुम मेरे सपनों में आती हो!
मेरा घर और आंगन भी महकाती हो!
उस क्षण तो बढ़ जाती है सुन्दरता भी,
जब तुम लाज में अपने नयन झुकाती हो!

तुमसे ही मैंने आगे बढ़ना सीखा!
प्रेममयी शब्दों को भी पढना सीखा!

इस जग की भीड़ से तुम न्यारी हो!
तुम मेरे सपनों की राजकुमारी हो!"

"
प्रेम, जिससे भी वो, वही उसके जीवन में श्रेष्ठ बनाने का प्रयास करता है! प्रेम सकारात्मकता प्रदान करता है! प्रेम की भाषा से अनपढ़ व्यक्ति भी, स्वयं को जाग्रत कर लेता है! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०९.०४.२०१२

"मेरी प्रेरणा को समर्पित रचना"

सर्वाधिकार सुरक्षित!




Saturday, 7 April 2012

♥अधूरा सफर...♥


♥♥♥♥♥♥♥♥अधूरा सफर...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सिमट गया है सफर इश्क का, वादे जनम-२ के टूटे!
दिल में दर्द की आई सुनामी और आँखों से आंसू फूटे!

जो मुझको खुशियाँ के लम्हे, देने में सबसे आगे था,
आज उसी ने आगे बढ़कर, मेरी खुशियों के पल लूटे!

तन्हा-तन्हा जाने कैसे, उम्र को अपनी काट सकूँगा,
मुझको पार लगाने वाले, लोग भी बीच सफर में छूटे!"
.................चेतन रामकिशन "देव"......................

♥♥प्यार की हँसी...♥♥



♥♥♥♥♥♥♥प्यार की हँसी...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चेहरा तेरे प्यार में हँसता और धड़कन गाती रहती है!
सुबह,शाम और भरी दुपहरी, याद तेरी आती रहती है!

तेरे प्यार में साथी मुझको, जीने का अंदाज मिला है!
और तुम्हारे छूने भर से, मरुभूमि में सुमन खिला है!

तू गर्मी में घटा के जैसी, इस दिल पर छाती रहती है!
चेहरा तेरे प्यार में हँसता और धड़कन गाती रहती है!"
................चेतन रामकिशन "देव"....................


Friday, 6 April 2012

♥दृढ इच्छा शक्ति..♥


♥दृढ इच्छा शक्ति..♥♥♥
हमको तूफानों से न घबराना है!
तेज आँधियों में भी दिया जलाना है!

झूठ हमे खींचेगा अपनी ओर मगर,
हमको सच्चाई के पथ पे जाना है!

जीवन में मुश्किल के पल भी आयेंगे,
हमें मगर मुश्किल में भी मुस्काना है!

माँ के क़दमों में जन्नत होती यारों,
हमको माँ के आगे शीश झुकाना है!

इस दुनिया को याद जो मरके भी आयें,
"देव" हमें कुछ ऐसा करके जाना है!"
...."शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"..

Wednesday, 4 April 2012


♥♥मुफ़लिस का रोना..♥♥♥♥
ये सैलाब नहीं बस मेरी आंखों का,
इस सैलाब में हर मुफ़लिस का रोना है!

मुफ़लिस का जीवन कटता है इस तरहा,
जैसे अपनी लाश को जिन्दा ढोना है!

नेता कुछ दिन में ही अरबपति बनते,
लगे सियासत में कोई जादू-टोना है!

मुफ़लिस की उम्मीद को हर कोई तौड़े,
हर सरकार का कद पहली से बौना है!

"देव" न जाने मुफ़लिस कब तक रोएगा,
जाने कब तक उसके साथ ये होना है!"

"
देश में दिन प्रतिदिन निर्धनता बढती जा रही है!
इस देश में नेता महीनों में अरबपति हो जाते हैं! इस देश में उद्योगपति महीनों में अरबपति हो जाते हैं, और निर्धन, मजदूर, किसान उम्र के पूरे ६०-७० साल में भी लखपति नहीं हो पाता! कितनी भयावह दशा है, तो आइये चिंतन करें! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०५.०४.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित!
रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित!


♥प्यार में दूरी..♥


♥♥♥♥♥प्यार में दूरी..♥♥♥♥♥♥
जब तू आँखों से मेरी दूर चला जाता है!
हो हवा तेज भी पर साँस नहीं आता है!

मेरे आंसू भी इस तरह से यार बहते हैं,
जैसे के बाढ़ में, सैलाब उमड़ आता है!

वो भी चाहता है मेरे आसपास ही रहना,
काम हर रोज मगर कोई निकल आता है!

प्यार में दूरियां करती हैं इस कदर तन्हा,
एक दिन भी यहाँ बरसों की तरह आता है!

"देव" आता है लौटकर तो ऐसे मिलता है,
जैसों बरसों का गया लौटके घर आता है!


"महबूब के बिना सब कुछ सूना सूना लगता है! एक दिन भी सालों जैसा लगता है, आंसू भी आते हैं, नींद तो आती ही नहीं, पर
जब मिलन होता है तो प्रेम पहले से भी ज्यादा होता है! वाकई प्रेम बड़ा अनमोल है, तो आइये प्रेम करें!


चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०४.०४.२०१२

सर्वाधिकार सुरक्षित

Monday, 2 April 2012

♥गाँधी चित्रित नोट..♥


♥♥♥गाँधी चित्रित नोट..♥♥♥
गाँधी चित्रित नोट के सब दीवाने हैं,
पर गाँधी की राह कोई चलता ही नहीं!

हमने हिंसा के दिन इतने दीर्घ किये,
नफरत का सूरज देखो ढलता ही नहीं!

खून बहाकर भी होता अफ़सोस नहीं,
बर्फ किसी की आँखों से गलता ही नहीं!

पर इस बात का इल्म कभी भी कर लेना,
इस हिंसा से कोई गुल खिलता ही नहीं!

"देव" न दौलत की खातिर रिश्ते बेचो,
बस दौलत से रूह को सुख मिलता ही नहीं!"


"
जरा सोचें, एक तरफ तो नफरत से कुछ भी तो नहीं मिलता, बस बहता है खून, जलती हैं चितायें, टूटता है मानवता का रिश्ता, छूटते हैं अपने जबकि दूसरी तरफ प्रेम और सदभाव से, गुल खिलते हैं, मानवीयता का सम्बन्ध मजबूत होता है! तो आइये चिंतन करें! "

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक- ०३.०४.२०१२

"शुभ-दिन"

सर्वाधिकार सुरक्षित




♥माँ की छवि...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥माँ की छवि...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!
हमारी माँ है बहुत दयालु, हमारी माँ है बहुत ही प्यारी!
ईश्वर ने सोचा वो कैसे, सभी को इक जैसा प्यार देंगे,
इसी सोच के दृष्टिगत ही, ईश ने माँ की छवि उतारी!

हमारा लालन, हमारा पालन, हमारा जीवन सुधारती है!
शहद से मीठे मधुर वचन से, हमारी माँ ही पुकारती है!

माँ का त्याग बड़ा अनुपम है, वो पीड़ा देखो सहे हमारी!
माँ से ही रौनक है घर की, महक रही है गुलों की क्यारी!"


" माँ, सबसे अनमोल छवि! व्याख्या के लिए शब्दकोष लघु लगता है!
इतना बड़ा कद है माँ का!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक--०२.०४.२०१२

मेरी प्यारी दोनों माताओं के लिए!