♥♥♥♥♥♥♥♥निराशा( असफलता की जननी)♥♥♥♥♥♥♥♥♥
निराश होकर के जिंदगी में, नहीं मिलेगी कभी सफलता!
ये जिंदगी है ही नाम इसका, कभी विषमता, कभी सरलता!
ना दोष दो तुम खुदा को अपने, करो तो मेहनत सही दिशा में,
बिना कर्म के चरागे-किस्मत, उम्र में पूरी कभी ना जलता!
निराश रहने से तो हमेशा, विचार मैले ही बन सकेंगे!
सदा डिगेंगे पथों से अपने, नहीं निशाने पे ठन सकेंगे!
निराश भावों से जिंदगी के ग़मों का मौसम नहीं बदलता!
निराश होकर के जिंदगी में, नहीं मिलेगी कभी सफलता.......
निराश होना नहीं सुहाता, ख़ुशी के पल भी नहीं दमकते!
निराश भावों के इस तिमिर में, हँसी के तारे नहीं चमकते!
निराश होके तो जिंदगी में, सदा ही कांटे मिलेंगे तुमको,
निराश भावों के बागवां में, ख़ुशी के गुलशन नहीं महकते!
निराश रहने से तो हमेशा, विचार मैले ही बन सकेंगे!
रहेंगे हाथों पे हाथ रखकर, नहीं हमारे कदम बढ़ेंगे!
निराश शब्दों से जिंदगी में, नहीं मिलेगी कभी सबलता!
निराश होकर के जिंदगी में, नहीं मिलेगी कभी सफलता.......
चलो के बदलें मनन का अपने, मनों में आशाओं को वसायें!
हमे मिलेगी सफलता सच में, सही दिशा में कदम बढायें!
निराशा भावों से "देव" जीवन सदा ही लगता है बोझ जैसा,
मनों में साहस भरें चलो हम, विपत्ति में भी हम मुस्कुरायें!
निराशा भावों से तो हमेशा, विचार मैले ही बन सकेंगे!
रहेगी भूमि सदा ही बंजर, जमीं में अंकुर नहीं उगेंगे!
निराश चिंतन से जिंदगी में, ख़ुशी का सूरज नहीं निकलता!
निराश होकर के जिंदगी में, नहीं मिलेगी कभी सफलता!"
"दुःख और सुख जिंदगी के हिस्से हैं! निराशा के साथ जिंदगी जीना,
जीवन की निर्णायक सोच को प्रभावित करता है! निराशा व्यक्ति के जिंदगी से
उसके साहस का अंत करती है और वो व्यक्ति सबल होते हुए भी
अपनी हिम्मत/ मेहनत का अंत कर देता है! तो आइये आशावान बनें!
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक- २४.११.२०११