Tuesday 14 June 2011

♥♥विस्फोट ♥♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥ ♥♥विस्फोट ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"तू एक रचनाधार बन,
तू शत्रु का संहार कर,
आकाश भी फट जायेगा,
तू जोर से प्रहार कर!

संतोष में रहकर तुझे, कुछ भी नहीं मिल पायेगा!
वंचित रहा है जन्म से , वंचित ही मर जायेगा....

तू युद्ध का अवतार बन,
इनके हरण अधिकार कर,
इतिहास फिर दोहराएगा,
कमजोरी का परिहार कर!

तेरे पथों में उम्र भर, प्रसून ना खिल पायेगा!
वंचित रहा है जन्म से, वंचित ही मर जायेगा....

तू मांग का उद्गार बन,
नेताओं से अभिसार कर,
"देव" सिंहासन हिले,
तू दीर्घ वो आकार कर!

शक्तियों के ज्ञान बिन, कंकर भी ना हिल पायेगा!
वंचित रहा है जन्म से, वंचित ही मर जायेगा!"


"इस देश में अगर वंचित वर्ग को अधिकार पाने हैं तो उन्हें जागना होगा, उन्हें अपनी एकता की शक्तियों का बोध करना होगा, ये सौ फीसदी सत्य है की वंचित कमजोर नहीं हैं, अभी चुप हैं, किन्तु उनकी चुप्पी टूटेगी और, क्रांति जरुर आएगी, तो आइये हम भी इन्हें, इनकी शक्तियों को बोध करने/ कराने में सहयोग दें!-चेतन रामकिशन "देव"

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